Details, Fiction and हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे

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इसका विशेष तौर पर मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। खाने के साथ ही इसे सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग व और भी तरह की बिमारियों में प्रयोग किया जाता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हल्दी में सक्रिय यौगिक करक्यूमिन शरीर द्वारा अपने आप अच्छी तरह से अवशोषित नहीं होता है। हल्दी को काली मिर्च के साथ मिलाने या वसा के स्रोत के साथ इसका सेवन करने से इसके अवशोषण में वृद्धि हो सकती है। इसके अतिरिक्त, यदि आपके पास कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां हैं या दवाओं पर हैं, तो हल्दी के पानी को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है या विशिष्ट स्थितियों के लिए मतभेद हो सकता है।

इसे २० से ३० डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान चाहिए होता है और वार्षिक वर्षा की भी अच्छी मात्रा में आवश्यकता होती है। हल्दी पाउडर का स्वाद कड़वा, गर्म, काली मिर्च जैसा होता है और इसकी सुगंध मिट्टी, सरसों जैसी होती है।

हल्दी में मौजूद एमिनो एसिड ट्रिपटोफैन सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ा देता है जिससे नींद न आने की समस्या दूर हो जाती है। इसमें मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर रसायन धैर्य, आराम और नींद के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। 

हल्दी में टरमैरोन भी होता है, जो यौगिक मस्तिष्क की कोशिकाओं को मरम्मत करने में मदद करता है। यह स्ट्रोक और अल्ज़ाइमर जैसे रोग को भी रोकने में मददगार है। करक्यूमिन भी अल्ज़ाइमर रोग में स्मरण की शक्ति को सुधारने में मददगार है। हल्दी मस्तिष्क में प्लाक के गठन को हटाने और ऑक्सीजन के प्रवाह को सुधारने में मदद करता है। इससे अल्ज़ाइमर रोग की गति धीमी हो जाती है।

छोटा-मोटा अपराध अगर संगठित अपराध बन जाए तो यह गंभीर समस्या हो जाती है, है न? हर शहर में हर कहीं छोटे-मोटे अपराधी होते हैं। वे यहां-वहां लोगों की जेब काटेंगे, यह कोई समस्या की बात नहीं है। लेकिन अगर पचास जेबकतरे एक शहर में संगठित हो जाएं, तो अचानक शहर का सारा माहौल बदल जाएगा। ये पचास लोग साथ मिलकर ऐसी चीजें कर सकते हैं कि आपके लिए सड़क पर निकलना खतरनाक हो जाएगा। शरीर में यही सब हो रहा है। कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इधर-उधर दौड़ रही हैं। अगर वे अपने आप यूं ही आवारागर्दी करते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे एक जगह मिलकर हमला करते हैं, तब समस्या है। इसके लिए उन्हें तोड़ते रहना होगा, यहां-वहां कुछ कोशिकाओं को मारना होगा, इससे पहले कि वे संगठित हो पाएं। रोजाना नीम का सेवन यही काम करता है, यह शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को सीमित रखता है, जहां वे शरीर के खिलाफ इकट्ठा नहीं हो पाती। इसलिए नीम का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है।

• ह्रदय के लिए भी यह फायदेमंद होता है । नसों में होने वाला ब्लॉकेज को यह रोक लेता है ।

• बाल झड़ने की क्रिया को भी यह कम करता है। हल्दी का पानी पीने से हल्दी, नींबू , शहद मिश्रित पानी, पीने से बाल मजबूत और घने हो जाते ।

• बॉडी डिटॉक्स Source करने के लिए गर्म पानी में नींबू, हल्दी पाउडर और शहद मिलाकर पीने से हमारी बॉडी डिटॉक्स हो जाती हैं ।

हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए? यूं तो हल्दी वाला दूध बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन जिन लोगों को पित्त व किडनी स्टोन की समस्या हो और ज्यादा ब्लीडिंग की दिक्कत हो तो उन्हें हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए।

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• हल्दी, नींबू, शहद के पानी को रोजाना पीने से मोटापे से राहत मिलती है ।

इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों के कारण ये सर्दी खांसी के संक्रमण से लड़ता है और इनके लक्षणों को दूर करता है। रात को सोने से पहले एक कप गर्म हल्दी दूध पीने से सर्दी खांसी और अन्य सांस की समस्याओं का निवारण होता है।

• हल्दी का लेप चेहरे की रंगत को निखारता है ।

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